Description
सी बकथॉर्न ( हिमालयन बेरी) के नाम से भी जाना जाता है
पोषक तत्वों का है भंडार सी-बक्थोर्न
सी-बक्थोर्न में भरपूर मात्रा में ओमेगा फैटी एसिड 3, 6,7 और 9 होते हैं। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाया जाता है। इसके अलावा इसमें विटामिन सी, ई, अमीनो एसिड, लिपिड, बीटा कैरोटीन, लाइकोपीन के अलावा प्रोविटामिन, खनिज और बॉयोलॉजिकल एक्टिव तत्व पाएं जाते है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए एक बेहतरीन फल है।
एक जड़ी बूटी है। औषधि बनाने के लिए इसकी पत्तियों, फूलों और फलों का उपयोग किया जाता है। इसका वनस्पातिक नाम Hippophae rhamnoides है। यह Elaeagnaceae परिवार से ताल्लुख रखता है। इसे सेंडथॉर्न (sandthorn), सैल्लोथॉर्न (sallowthorn), और सीबेरी (seaberry) के नाम से भी जाना जाता है।
इस्तेमाल गठिया, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल अल्सर, गाउट और स्किन रैशेज जैसे इंफेक्टियस बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।
का इस्तेमाल विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट, प्रोटीन बिल्डिंग ब्लॉक्स (अमीनो एसिड), फैटी एसिड और मिनरल्स के सोर्स के रूप में किया जाता है। ब्लड प्रेशर में सुधार और कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए, ब्लड वेसल्स वाली बीमारियों को रोकने और कंट्रोल करने के लिए और इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए।
सी बकथॉर्न बेरी का इस्तेमाल इंफेक्शन को रोकने, साइट में इंप्रूवमेंट और उम्र बढ़ने के प्रॉसेस को धीमा करने के लिए किया जाता है।
इस्तेमाल कफ ढीला करने के लिए एक एक्सपेक्टोरेंट के रूप में किया जाता है। इसके अलावा अस्थमा के इलाज के लिए, चेस्ट पेन (एनजाइना) और हार्ट डिसऑर्डर के साथ साथ हाई कोलेस्ट्रॉल, ब्लड वेसल्स डिजीज को रोकने के लिए और एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में किया जाता है।
इस्तेमाल, बढ़ती उम्र के साथ सोचने की क्षमता में होने वाली कमी को दूर करने के लिए भी किया जाता है। कैंसर के कारण होने वाली बीमारियों को कम करना, साथ ही केमिकल कैंसर के इलाज (कीमोथेरेपी) की टॉक्सिसिटी कम करना, इम्यूनिटी सिस्टम को बैलेंस करना, अल्सर और रिफ्लक्स एसोफैगेटिस (GERD) के साथ साथ, पेट और इंटेस्टाइनल बीमारियों का इलाज करना, कलर ब्लाइंड नेस, ड्राइ आइज का इलाज, और विटामिन C, A, और E, बीटा–कैरोटीन, मिनरल्स, अमीनो एसिड और फैटी एसिड के सप्लीमेंट्री सोर्स के तौर पर।
सनबर्न से बचने के लिए बकथॉर्न बेरीज, बेरी का कंसंट्रट या इसके बीज का तेल डायरेक्टली स्किन पर लगाया जा सकता है हैं। एक्स–रे रेडिएशन और सनबर्न से होने वाले नुकसान से बचने के लिए; बेडसोर, जलने और कटने वाले घाव भरने के लिए, मुंहासे, डर्माटाइटिस, ड्राइ स्किन , एक्जिमा, स्किन अल्सर और म्यूक्स मेंब्रन को बचाने के लिए किया जाता है।
खास सावधानी और चेतावनी
- प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग: इन दिनों सी बकथॉर्न के इस्तेमाल को लेकर कोई रिलाएबल जानकारी उपलब्ध नहीं है, इसलिए बेहतर होगा आप इसके उपयोग से बचें।
- ब्लीडिंग डिसऑर्डर: सी बकथॉर्न का दवा के रूप में इस्तेमाल, ब्लड क्लोटिंग को धीमा कर सकता है। ऐसे कंडीशन में इस डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों में ब्लीडिंग का खतरा बढ़ जाता है।
- लो ब्लड प्रेशर: सी बकथॉर्न का दवा के रूप में इस्तेमाल, ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है। ऐसी कंडीशन में लो ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों में ब्लड प्रेशर का काफी गिर जाने का खतरा बढ़ जाता है।
- सर्जरी: सी बकथॉर्न ब्लड क्लोटिंग को धीमा कर सकता है। ऐसे में सी बकथॉर्न का दवा के रूप में इस्तेमाल करते रहने से, सर्जरी के दौरान या बाद में ज्यादा ब्लीडिंग होने का चांस बढ़ जाता है। इसलिए सर्जरी के नियत तारीख के 2 सप्ताह पहले ही सी बकथॉर्न का दवाई के तौर पर इस्तेमाल करना बंद क
साइड इफेक्ट्स
सी बकथॉर्न के क्या साइड इफेक्ट हो सकते हैं?
सी बकथॉर्न के बहुत कम साइड इफेक्ट बताए गए हैं। हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में, स्वैलिंग, सिर दर्द, चक्कर आना और पल्पिटेशन जैसे साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं । स्किन जल जाने के केस में, सी बकथॉर्न का त्वचा पर इस्तेमाल करने से कभी–कभी रैशेज आ जाते हैं।
जरूरी नहीं कि हर कोई इन साइड इफेक्ट्स को महसूस करें। ऊपर बताए गए लिस्ट में हो सकता है कुछ साइड इफेक्ट्स शामिल नहीं भी हो सकते हैं। यदि आपको साइड इफेक्ट्स को लेकर थोड़ी भी चिंता है, तो बेहतर होगा अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।
सी बकथॉर्न आप के शरीर पर क्या असर डाल सकता है?
सी बकथॉर्न आपकी चल रही दवाइयों पर असर कर सकता है। उपयोग करने से पहले अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से राय लें।
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